बना बहाने खूब सताया कई तरह
भोली भली थी जनता तब याद करो
बहुत मटकियाँ फोड़ी तुमने लोगों की
तुम तनिक लाज शर्म अब तो करो
अब बहुत खा लिया है माखन चोरी का
कलियुग के 'कान्हा' अब बस भी करो
आज न सही कल आओगे पकड़ में
चाहे जितने भी कैसे तुम रूप धरो
लोकपाल बस आता होगा तुम्हें देखने
अब कैसा भी स्वरुप ये ध्यान करो
सरकारी हो, अन्ना का, या मिला जुला
डरना तुम बस अब ही से शुरू करो
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