Monday, December 13, 2010

दूर से

दूर से
शोख अंदाज़ पे उनके तो हम
पहले ही ज़माने से फ़िदा हैं
अब तो उनकी आहट भी हमें
संगीतमय सी सुनाई देती है
उस पर उनकी वो मुस्कराहट
दिलकश अदाएं अदाकारी भी
हमें बस दीवाना बना देती हैं
कोई शमाँ तो नहीं फिर भी
हमें परवाना बना जाती हैं
जलती शमाँ के आगे न जाने
कितने जल जाते परवाने हैं
पर हम तो वो परवाने हैं
जो दूर से नज़ारा करते हैं

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