Monday, December 13, 2010

बदस्तूर

बदस्तूर
फिर से वही पुरानी वारदातें
अनचाही सी खबरें आज भी
कुछ मारे गए कुछ घायल
कई बलात्कार और लूटपाट
कुछ और भ्रष्टाचार, कदाचार
शब्दों में भर रोकने के उपाय
धमाके और नये-नये खुद्कुश
व्यभिचारियों के नये तरीके
शोषण ग्रस्त समाज, परिवार
बच्चों, स्त्रियों पर ज़ुल्म के
नये नये पुराने से समाचार
कुछ नहीं बदलता है यहाँ
बस कुछ तारीख, स्थान, नाम
बाकी सब कुछ है बदस्तूर

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