Tuesday, November 12, 2013

हमसफऱ

वो न थे जब हमारे पास उनके खयाल आते थे
ज़िन्दगी ख़ूबसूरत होने का एहसास कराते थे

फूलों में बहार में चाँदनी में वो ही दिखाई देते थे
मौसम कोई भी हो बस वही पास नज़र आते थे

ज़िन्दगी के सफ़र को और हसीन बना जाते थे
हमारी मंज़िल नज़दीक़ है वो ये याद दिलाते थे

लोग तो बस चाँद सितारों की तमन्ना करते थे
पर हमें महताब कभी आफ़ताब नज़र आते थे

आज भी ज्यों ही वो मेरे जेहन में चले आते थे
कल के ही से आज भी हमसफऱ नज़र आते थे

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