Saturday, November 30, 2013

जाड़ों की धूप


जाड़ों की धूप में जाना हमें अच्छा लगता है
तेरा ख़याल जो जाड़ों की धूप सा लगता है

इन सर्द हवाओं का साथ अच्छा लगता है
तेरा इधर आना ही धूप सा खिलने लगता है

हर तरफ ही धूप का तबस्सुम सा लगता है
ऐसी धूप में वक़्त बिताना अच्छा लगता है

दौलते इश्क़ की कोई नेमत सा यहाँ लगता है
जाड़ों की धूप में तन मन खिलखिलाने लगता है

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