Udaya Pant
US Pant
Udaya Shankar Pant
..... all my names:)
Wednesday, October 12, 2011
नज़ारे
हमने सोचा था ग़मों को आंसुओं में बहा देंगे
टुकड़े टुकड़े में ही सही यूँ ज़िन्दगी जी लेंगे
बड़े सुकून से इनसे हट के नज़ारे कर लेंगे
जी भर के जब हम आसमाँ की ओर देखेंगे
1 comment:
शुभकामना .. दुःख के आंशुवों को हटा कर सुख के नज़ारे दिखें .. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ इस चाहत की..
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