Monday, October 17, 2011

छोटी सी बात

छोटी सी तो थी बात बस; चन्द अल्फाज़ में ही कह दी
ख़त्म थे अल्फाज़ तो क्या; बात अब बाक़ी ही कब थी
रात कटती गई थी बस इधर; आँखों ही आँखों में सारी
चैन की नींद सोते कहाँ से; रात अब बाक़ी ही कब थी

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