बिस्म्रित से हो गए लोग भी
याद तो आ जाते हैं यदा कदा
बिलकुल अपनी ही यादों से
गूंजने लगती है उनकी सदा
मानो कल की ही सी हो बात
कल के ही सब पल हों सर्वथा
बस समय निकल चुका हो
पर अंकित हों मन में सर्वदा
किसी रूहानी या ज़ज्बाती से
सवाल भी आ जाते यदा कदा
1 comment:
.बहुत खूब /अति सुंदर //
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