Thursday, April 14, 2016

छोटी-बड़ी बातें

ज़रूरी हैं छोटी छोटी बातें
हमने तो दिल पर नहीं लीं
तुमने लीं तो ज़रा सोचना
ये थीं सिर्फ छोटी सी बातें
दिल में रख कर क्या करोगे
अपना ही खून जलाओगे
हर वक़्त कौन कहता है यहाँ
दूसरे की मनपसन्द बातें
सब अलग तरह से सोचते हैं
अपनी समझ से बड़ी बातें
हम ने तो तो बुरा नहीं माना
तुम्हारी समझ तुम्हारी बातें
हम कुछ भी कहें या समझें
क्या फ़र्क़ पड़ता है तुमको
तुम सिर्फ अपने तरह के हो
न तो हम कोई जहाँपनाह है
न तो तुम कोई शहंशाह हो
होते तब भी झगडे वही रहते
कभी बड़ी कभी छोटी बातें
हम भी अपनी तरह के हैं
और हमारी छोटी-बड़ी बातें
हम ने हँस कर भुला दिया
तुम भी ठहाका मार कर कहो
कितनी छोटी सी बात है ये
खैर है अब समझ में आई
ये बस बातें हैं छोटी-बड़ी बातें

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