अभी यहाँ अभी वहां उड़ा है
मन तो मनचला है
कैसे देखो सपनों के पीछे भागे
फिर भी बस अपना ही लागे
बेखुद सा है ये ऐसा
सोया हो या चाहे ये जागे
कैसे बढ़ता ये चला है
मन तो मनचला है
कभी तन की कभी धन की
अक़्सर मन की भी बातें
साया सा लगता कोई है
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ भागे
जाने ये कैसी बला है
मन तो मनचला है
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