तेरे आने से महक उठी थी दुनियाँ मेरी
तेरे जाने के बाद अब ये ख़याल आया
कितनी रोशन भी थी वो दुनियाँ मेरी
इन अंधेरों के बाद अब ये ख़याल आया
कितनी गर्मजोशी थी तब निगाहों में
सर्द आहों से है अब ये ख़याल आया
जल गया आशियाँ मेरा मेरी खातिर
तेरी बातों का अब है ये ख़याल आया
कौन जीता है अब इस मरे दिल में
मर के सौ बार अब ये ख़याल आया
बस तेरे दीदार का अब तसब्बुर हो
छोड़ते वक़्त ज़हां ये बस याद आया
1 comment:
अद्भुत रचना
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