Tuesday, January 3, 2012

my random couplets-2

हिज़ाब के पीछे झाँकने से पहले एक रकाब ज़रूरी हैं
उम्र बीत जाती है सुनते सुनते फलसफे मोहब्बत के
Before peeing through the veil a stirrup is essential
Life gets spent listening to the philosophies of love!

रात बारिशों से सब जगह बन गया सैलाब था
सुब्ह सब सूखा था रात का बस एक ख्वाब था
Last night's rains flooded all around the city
Morning was all dry it was a dream merely

ज़माना अब हमें बेकार बेवज़ह ही समझ ले चाहे
हमको तो कई उम्मीद बाक़ी हैं अब भी ज़माने से
Let the whole World find me useless without purpose
I still have a lot of expectations left from this World!

यूँ न शरमा के चल दो अचानक तुम अब
ये नाटक ज्यादा न चला पाओगे तुम अब
Don't run away with sudden shyness now
You won't be able to hide pretensions now

तुम जब भी चाहो ले सकते हो हमारा इम्तिहान
तुम्हें हमारे सब्र की थाह पाना भी मुश्किल होगा
You may try to test me and my ways at point of time
Yet it's not gonna be easy for you to test my patience

तुम इस क़दर भी यूँ न कभी रुसवा हुआ करो
औरों पर नहीं तो खुद पर तो भरोसा किया करो
Don't you be so disheartened ever like this
If not on the others you must trust yourself

रोज़ की तरह आज एतराज़ तुम हमारे अल्फाज़ पर करोगे
लेकिन हमारे चुप होने पर तुम हर लफ्ज़ का इंतजार करोगे
Like every other day you will object to my words
But if I go silent you will await each of such words

कोई नहीं है हम सा इस कहकशाँ में
हाँ मगर ये जाना तुमने बहुत देर में
None other like me in this galaxy
You realized it but a bit too late

तेरी बेईमानी में भी मैं तलाशता हूँ ईमान
क्या मालूम लोग यूँ ही बताते होंगे बेईमान
I am looking for honesty even in your dishonesty
May be someone labelled you dishonest wrongly

हर बार ही कुछ कहते कहते बस मैं रुक गया था
नसीब के क़रीब था पर उसी के चलते रुक गया था
Each time I stopped when I was about to convey
Was close to fate but that's what stopped to say!

उसकी किस किस बात की तारीफ करता फिरूँ मैं
उसकी हर बात पर ही शाबाशी देना चाहता हूँ मैं

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