Sunday, December 9, 2012

Amazing Hindi Poet's Imagination.. by: Om Prakash Aditya

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,
तुम एम. ए. फर्स्ट डिविजन हो, मैं हुआ मेट्रिक फेल प्रिये,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम फौजी अफसर की बेटी , मैं तो किसान का बेटा हूँ,
तुम रबड़ी खीर मलाई हो , मैं तो सत्तू सपरेटा हूँ,
तुम ऐ. सी. घर में रहती हो , मैं पेड़ के नीचे लेटा हूँ,
तुम नई मारुती लगती हो , मैं स्कूटर लम्ब्रेटा हूँ ,

इस कदर अगर हम चुप-चुप कर, आपस में प्रेम बढ़ाएंगे ,
तो एक रोज़ तेरे डेडी, अमरीश पुरी बन जायेंगे,
सब हड्डी पसली तोड़ मुझे, भिजवा देंगे वो जेल प्रिये ,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम अरब देश की घोड़ी हो , मैं हूँ गदहे की नाल प्रिये ,
तुम दीवाली का बोनस हो , मैं भूखों की हड़ताल प्रिये ,
तुम हीरे जड़ी तश्तरी हो , मैं अलमुनियम का थाल प्रिये ,
तुम चिकन-सूप बिरयानी हो , मैं कंकड़ वाली दाल प्रिये ,
तुम हिरन -चोकड़ी भरती हो , मैं हूँ कछुए की चाल प्रिये ,
तुम चन्दन -वन की लकड़ी हो , मैं हूँ बबूल की ड़ाल प्रिये,
मैं पके आम सा लटका हूँ , मत मारो मुझे गुलेल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

मैं शनि -देव जैसा कुरूप , तुम कोमल कंचन काया हो ,
मैं तन-से मन-से कांशी राम , तुम महा चंचला माया हो ,
तुम निर्मल पावन गंगा हो , मैं जलता हुआ पतंगा हूँ ,
तुम राज घाट का शांति मार्च , मैं हिन्दू -मुस्लिम दंगा हूँ
तुम हो पूनम का ताजमहल , मैं काली गुफा अजन्ता की ,
तुम हो वरदान विधाता का , मैं गलती हूँ भगवंता की ,
तुम जेट विमान की शोभा हो , मैं बस की ठेलम -ठेल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम नई विदेशी मिक्सी हो , मैं पत्थर का सिलबट्टा हूँ ,
तुम ए. के. सैंतालिस जैसी , मैं तो इक देसी कट्टा हूँ ,
तुम चतुर राबड़ी देवी सी , मैं भोला -भाला लालू हूँ ,
तुम मुक्त शेरनी जंगल की , मैं चिड़ियाघर का भालू हूँ ,
तुम व्यस्त सोनिया गाँधी सी , मैं वी. पी. सिंह सा खाली हूँ ,
तुम हंसी माधुरी दीक्षित की , मैं पुलिसमेन की गाली हूँ ,
कल जेल अगर हो जाए तो दिलवा देना तुम बैल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

मैं ढाबे के ढाँचे जैसा , तुम पांच सितारा होटल हो ,
मैं महुए का देसी ठर्रा, तुम रेड -लेबल की बोतल हो ,
तुम चित्रहार का मधुर गीत , मैं कृषि-दर्शन की झाडी हूँ ,
तुम विश्व -सुंदरी सी कमाल , मैं तेलिया छाप कबाड़ी हूँ ,
तुम सोनी का मोबाइल हो , मैं टेलीफोन वाला हूँ चोंगा ,
तुम मछली मानसरोवर की , मैं सागर तट का हूँ घोंघा ,
दस मंजिल से गिर जाऊँगा , मत आगे मुझे धकेल प्रिये ,

मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

तुम सत्ता की महारानी हो, मैं विपक्ष की लाचारी हूँ,
तुम हो ममता -जयललिता सी , मैं क्वारा अटल बिहारी हूँ ,
तुम तेंदुलकर का शतक प्रिये , मैं फोलो ओन की पारी हूँ ,
तुम गेट्ज , मेटिज़, करोला हो, मैं लीलैंड की लोर्री हूँ ,
मुझको रेफरी ही रहने दो , मत खेलो मुझसे खेल प्रिये ,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये,

मैं सोच रहा की रहे हैं कबसे , श्रोता मुझको झेल प्रिये ,
मुश्किल है अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये.

2 comments:

ktheLeo (कुश शर्मा) said...

ओम प्रकाश आदित्य is the Poet!
Thanks for posting.
Will explore other post sometime.

Udaya said...

Thanks bro:) updated with his name:)