अन्याय किसी भी प्रकार का हो
उठायें आवाज़ तो उसके ख़िलाफ़
अब तक की अशांति और पाप
न आ पायें कभी भी हमारे द्वार
हम सब लोग अपना लें सदाचार
दूनियाँ से दूर हों सारे अनाचार
मनुज ही नहीं प्राणिमात्र की सोचें
अपने से पहले जग की करें फ़िक्र
स्वयं कुछ ठोस न भी कर पायें
तो करने दें और करने की सोचें
यही है मेरी नव वर्ष की कामना
अपना सकते हो तो लो बधाइयाँ
Injustice be it of any kind
We raise voices against them
Disturbances and sins so far
May never approach our doors
We shall adopt righteousness
May all misdeeds be eradicated
Don't think just for the humans
We think for all living beings
Think of World before ourselves
Even we can't do things concrete
Allow others and thing of doing
These are my new year aspirations
Accept the wishes if you agree!
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