रहिये अब ऐसी जगह चलकर, जहाँ कोई न हो,
हमसुखन कोई न हो, और हमज़ुबाँ कोई न हो ..
बेदर-ओ-दीवार सा इक घर बनाना चाहिए
कोई हमसाया न हो, और कोई पासबाँ न हो ..
पड़िये गर बीमार, तो कोई न हो तीमारदार
और अगर मर जाइये, तो नौहख्वां कोई न हो .."
ग़ालिब साहब ..
हमसाया - Neighborhood / पड़ोसी
पासबाँ - Watchman / प्रहरी
नौहख्वां - Mourner / रोनेवाला, विलाप करने वाला
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