जानी भी अनजानी भी
बस एक तू ही तो है
जो है वही मेरे लिए
बेगानी भी अपनी भी
बस यही एक ज़िन्दगी
जो है वही मेरे लिए
अज़ीज़ भी खिसियानी भी
तू ही है पहचानी यहाँ
जो है वही मेरे लिए
ज़न्नत भी दोज़ख भी
तू ही है आब-ए- हयात
जो है वही मेरे लिए
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