बादलों के बदलते रंगों में
देखता हूँ मैं कभी कभी यहाँ
बनती बिगड़ती तस्वीरों को
कुछ कुछ समझने भी लगा हूँ
समय और इनका सम्बन्ध
सूरज़ के साथ रंग बदलते
अंधेरे में तारों के साथ खुश
हवाओं के साथ रुख बदलते
जल चक्र के सतत प्रहरी
कभी असमंजस में से पड़ते
कभी अप्रत्याशित भी करते
बिलकुल जैसे हमारी ही तरह
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