अमन की बदहाली का दर्द
कुछ इधर भी है उधर भी है
अपने अपने हिस्से की लोग
करते हैं सियासत बस यहाँ
सियासतगर्दों का ये असर
कुछ इधर भी है उधर भी है
अपनी ही बात को दोहराते
अब जान बूझ कर सब लोग
अवाम में मोहब्बत में कमी
कुछ इधर भी है उधर भी है
दिल के ज़ख्मों का दर्द अब
लाइलाज़ समझते कुछ लोग
पर मरहम मलने का इरादा
कुछ इधर भी है उधर भी है
अमन की बदहाली का दर्द
कुछ इधर भी है उधर भी है
No comments:
Post a Comment