Tuesday, December 23, 2014

मिल कर बदलेंगे

अब सरकारें नहीं
लोग रास्ते बना रहे हैं
प्रयास किसी के भी हों
सब लोग समझ रहे हैं
कोई लाभ नहीं होगा
अनर्थक विवेचना का
किसी भी एक या विशेष
व्यक्ति या संस्था की
लोग स्वयं जानते हैं
ये शहर बदल रहा है
लोगों की सोच के साथ
ये देश बदल रहा है
फिर जाने क्यों यहाँ
कभी कभी लगता है
कुछ नहीं बदल रहा है
उम्मीद फिर भी ज़िंदा है
सब मिल कर बदलेंगे

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