रंग चंगीलो पहाड़ मेरो; त्यार शहर किलै ऊँ
शहर का लोग कुनी, कचकचाट करने रूनी
भ्यार भला बणी रूनी, घरवाली केँ खूब सतूनी
दफ्तरन में काम नि करी, औरन कें खूब मैक्यूनी
यहाँ चेली बटिनक चली रुं, त्यार शहर किलै ऊँ
आपण आपण बाट हिटण, आपण आपण दोस्त छन
आपण बोली क्वे नई बोलन, अंग्रेजीक खुट तोड़नी
घर में ले सब आपण आपण, गैज़ेटन में बिज़ी रुं
यहाँ फसक-फराल हुनी, त्यार शहर किलै ऊँ
इज-बाबू आम-बड़बाज्यू, आपण दगड क्वे नई धरन
मुख में अलग भितर और, एक दुसरा नान समझनी
नानतिन ले अंग्रेजी गईं, हम जसाना क्वे नई पूछन
यहाँ भितर-भ्यार एक छन, त्यार शहर किलै ऊँ
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