मुझे गुरेज़ था परेशानियों से
वही मेरे घर बसर कर गईं
लाख टालना चाहा था मैंने
पर फिर भी वो यहीं पसर गईं
कर लिया मैंने भी समझौता
तो शायद वे भी कुछ डर गईं
या फिर लोगों की दुआएं ही बस
ऐसा कुछ असर सा कर गईं
जिन घड़ियों का था डर बहुत
वो अपने आप ही गुज़र गईं
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