Monday, June 6, 2011

उपहार

तुम्हारे आ जाने से बढ़ गई
रौनक मेरे घर - द्वार की
फिर चन्द घड़ियाँ जी लेंगे
मयस्सर हो जो प्यार की
ज़माने भर की बातों को तुम
कर देना नज़र हमारे प्यार की
दो पल के लिए ही सही हम
कर लें बातें बस इकरार की
बड़ी-बड़ी बातों से कुछ परे
बात अपनी ही ज़िन्दगी की
यादें तुम भी बसा कर दे जाना
इस बार प्यार के उपहार की

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