Sunday, June 26, 2011

सन्देश

रात फिर तुम आये थे
एक नए स्वप्न में मेरे
तन मन महकने लगा था
तुम लाये थे अपने साथ
उसी खोये प्यार को मेरे
मृतप्राय उमंगें मचलती थीं
फिर एक बार अचानक
सोये से तन मन में मेरे
सुबह जागी तो पाया मैंने
तुम न थे कहीं आस पास
पर सन्देश दिया था तुमने
उमंगें और प्यार जिंदा हैं
अन्दर तक समाये हैं मेरे

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