आज तुम मानो स्वयं से नहीं हो
या फिर यह मेरा भ्रम मात्र हो
शायद कुछ अलग बात ही हो
फिर भी खामोश तो तुम हो
मेरी हर ख़ुशी में शरीक रहे हो
हौसला अफजाई करते रहे हो
आज कुछ अन्यमनस्क से हो
कहना चाहो तो कुछ तो कहो
मेरे साथ तो तुम सहज रहो
न सही अगर न बताना चाहो
मगर कसम है चुप तो न रहो
अब ये बेवक्त तन्हाई छोड़ दो
और कुछ करो कहो या न कहो
बस हर हाल में तुम खुश रहो
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