Monday, June 27, 2011

आज

आज तुम मानो स्वयं से नहीं हो
या फिर यह मेरा भ्रम मात्र हो
शायद कुछ अलग बात ही हो
फिर भी खामोश तो तुम हो
मेरी हर ख़ुशी में शरीक रहे हो
हौसला अफजाई करते रहे हो
आज कुछ अन्यमनस्क से हो
कहना चाहो तो कुछ तो कहो
मेरे साथ तो तुम सहज रहो
न सही अगर न बताना चाहो
मगर कसम है चुप तो न रहो
अब ये बेवक्त तन्हाई छोड़ दो
और कुछ करो कहो या न कहो
बस हर हाल में तुम खुश रहो

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