Tuesday, June 14, 2011

सौगात

रहना मेरे आस पास तुम
मेरी साँसों में ही बस जाओ
मीठा गीत का सुर सा लगे
वो अल्फाज़ तुम बन जाओ
महके महके से मचलते हुए
कोई ज़ज्बात तुम बन जाओ
जो कभी कोई दे न सका मुझे
वही सौगात तुम बन जाओ
हवा के एक झोंके सा ही सही
मदहोश ख़ुशबू फैला जाओ
हमनशीं तुम न हुए न सही
ज़रा हमसफ़र ही बन जाओ
हरदम जो मेरे साथ-साथ रहे
वो लम्हा ही तुम बन जाओ

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