Monday, February 6, 2012

मैं

मैं इश्क में पागल मजनूँ या फ़रहाद नहीं हूँ
मैं तो नचिकेता बन स्वर्ग तक हो आऊंगा
मुझे सत्यवान बन कोई यम न ले जा पाए
इसलिए मैं भी कोई सावित्री ले ही आऊंगा
मैं दुर्योधन या दुशासन सा कोई कायर नहीं
मैं भीम बन कर उनका अंत ही कर जाऊंगा
मैं जयद्रथ सा छिपने वालों में से भी नहीं हूँ
मैं तो अभिमन्यु सा लड़ते मर जाना चाहूँगा
मैं किसी का संसार में कोई मोहताज़ नहीं हूँ
मैं सब को कुछ न कुछ देकर ही चला जाउँगा

No comments: