हमने तो इधर बस बेवफ़ाई देखी है
हमें क्या मालूम वफ़ा क्या होती है
बेवफ़ाओं से जो वफ़ा करने लगते हैं
तो वफ़ा भी चुपके से रोने लगती है
हम फिर भी बेवफ़ाओं से कभी नहीं
नज़र बेवफ़ाई से क़तराती रही है
ग़म नहीं फिर भी कोई यहाँ हमको
ज़िन्दगी बस यूँ ही चलते रहती है
उनके दिल में क्या है ये वही जानें
यहाँ तो बस वफाओं की बस्ती है
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