तेरा नामोनिशां तक मालूम नहीं मुझको
तेरी हर बात की महक आज भी बाकी है
हर याद धुंधला चुकी है उम्र के साथ अब
मगर एक क़शिश सी आज भी बाकी है
I have no clue of your whereabouts now
Fragrance of everything of you is around
The reminiscences are hazy with the time
Yet the very attraction is still all around
1 comment:
बहुत सुंदर उदय जी.....
Post a Comment