बादलों और बारिश के बीच
खुली धूप चाहे गर्म ही सही
कभी कभी अच्छी लगती है
ग़मगीन माहौल में भी कभी
किसी की खिलखिलाती हँसी
कभी कभी अच्छी लगती है
मक़बूल ज़िन्दगी के बीच भी
बेवक्त ही आ गई परेशानी भी
कभी कभी अच्छी लगती है
संजीदा चलती बहस के बीच
बचकाना बेवकूफ़ी की बात
कभी कभी अच्छी लगती है
साथ रहने की आदत के बीच
जुदाई की थोड़ी सी ये आदत
कभी कभी अच्छी लगती है
2 comments:
sunder khayal
वाकई... अच्छी लगी ....
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