कई तरह के फ़सादों और
भ्रष्टाचार की आग से जलते
समस्याओं से घिरे देश की
छवि धूमिल होने लगी है
अब इस जलन की तीव्रता
असीमित सी होने लगी है
अब कोई रुई के फाहे से
इसका उपचार शायद अब
कतई भी संभव नहीं है
शल्य चिकित्सा एकमात्र
सम्भावना सी रह गई है
अब तलाश है किसी भी
स्वीकरणीय चिकित्सक की
वही अब यहाँ शायद कोई
आख़िरी उम्मीद रह गई है
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