Monday, March 19, 2012

यही

कल की सोच से आज को क्या
आज की सोच कल बदलेगी ही
कल आज और कल के कारण
हमारी सोच तो विकृत होगी ही
जाने अब की कब सोचेंगे हम
अब हर हाल गुजर जाएगी ही
आज और अब की आसान सी
कल भूल कल की भी फिक्र ही
बनेगी आसानी का सबब यहाँ
अब हम तो बस समझेंगे यही
तुम्हारे सब दिन संवर जायेंगे
अगर तुम भी सोचोगे बस यही