उसकी पदचाप लगती थी
अक्सर मुझे हर आहट
इसी के साथ मचलती थीं
कितनी मनमोहक उमंगें
पर हर बार, हर बार की तरह
नैराश्य भाव भी आने लगता था
उसके न आने के कारण
किन्तु कहते हैं बड़ी चीज है
कायम होना उम्मीदों का
मैं हर बार आशावान रहा
तभी कायम रख पाया था
पदचाप सुनने की उम्मीद
वो तो आ नहीं पाए थे
पर उम्मीद हमेशा साथ थी
1 comment:
preet ke geet se saji rachna..
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