उससे कोई मुलाक़ात भी तो न थी ऐसी
फिर भी मिलने का एक ख्याल आया था
उसकी आँखों में जाने क्या बात थी ऐसी
देखते ही मोहब्बत का सैलाब आया था
उसके एक इनक़ार का असर था ऐसा
मोहब्बत में फिर भी ठहराव आया था
उसकी नज़रों में खो जाने सी बात ऐसी
पहचान में मोहब्बत का नाम आया था
प्रीत की बात उनकी नहीं थी कोई ऐसी
फिर भी मोहब्बत का ख्याल आया था
1 comment:
waah sir....prem se paripurn bhavpurn rachna
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