तुम्हारे स्पर्श के स्पंदन का
आज भी होता है रोमांच सा
आभास सा भी होने लगता है
मानो कोई आज भी चाहता है
मेरे ही आस पास रहकर उन
नजदीकियों का अहसास करना
अब भी उस पल की स्मृति में
मैं बार-बार खो जाना चाहती हूँ
जो मेरे जीवन की मिठास सी
मेरे पहले प्यार की आस सी
ताज़ा है मेरे मन भी आज भी
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