Thursday, July 17, 2014

सपनों की दुनियाँ

कहीं दूर से कोई मुझे
दिखाता अंनजाना सा
कोई ख्वाब बेहतरीन
मेरी इच्छा से बड़ा
आकाँक्षाओं से ऊँचा
मैं भी खो जाता हूँ
बस मतिभ्रमित सा
लेता हूँ आनंद सदा
बस क्षणिक ही सही
सत्य से बहुत दूर
फिर भी मनमोहक
कैसी आकर्षक होती है
सपनों की दुनियाँ
कल्पनालोक में सही
कुछ पल के लिए
आनंद की उड़ान


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