मुल्क़ के लिए सब कुछ लुटाने वाले बर्बाद रहते हैं
एक वो हैं जो अपनी खातिर जान लेने को हाज़िर हैं
वो भी हैं जो मुल्क़ की खातिर जान देने को हाज़िर हैं
वो हर मुसीबत में इस मुल्क़ की सिर्फ खड़े नाज़िर हैं
लोग ऐसे भी हैं जो सब कुछ लुटा देने के मुंतज़िर हैं
खुद ख़ुदा आकर करे इस्तक़बाल उन सब का इधर
जो इस क़ौम की हर राह के साथी यहाँ मुसाफ़िर हैं
वतन के बाद कुछ भी और बाक़ी हो हरेक का यहाँ
वतन के साथ सब हमेशा हों यही फरियाद करते हैं
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