दोनों सुन्दर हों
कहती हैं सब की
अपनी अभिलाषा
यक्ष-प्रश्न सा
प्रश्न है मन का
अपने लिए भी
औरों के लिए भी
क्या हैं आयाम
मन की सुंदरता के
क्या हैं मानदंड
तन की सुंदरता के
कोई जान पाये तो
मुझे भी ज़रा बताना
लाभान्वित हो जाऊँ
तुम्हारे ज्ञान से मैं भी
क्या है सुन्दर
बतला दो मुझको भी
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