धड़क धड़क रहा है दिल
ओ ज़िन्दगी मेरी ज़रा
तू मुझसे आ के मिल
आ के मिल, आ के मिल, आ के मिल
ओ ज़िन्दगी तू मुझसे आ के मिल
फ़िज़ा में धूप है खिली
दिल की हर कली खिली
चमन खिला खिला सा है
प्यार की हवा चली
प्रेम का सिला सा है
ये मन बहक रहा सा है
आ ज़रा लगायें दिल
ओ ज़िन्दगी मेरी ज़रा
तू मुझसे आ के मिल
हरा भरा या बागबाँ
है रंग भरा ये पासबाँ
नज़र नज़र भटक रही
ख़ुशी का गीत गा रही
हर दिल में आस जग रही
तू भी आ लगा ले दिल
निसार हैं सभी के दिल
तू भी आ के मिल
ओ ज़िन्दगी मेरी ज़रा
तू मुझसे आ के मिल
महक महक रहा समां
धड़क धड़क रहा है दिल
ओ ज़िन्दगी मेरी ज़रा
तू मुझसे आ के मिल
आ के मिल, आ के मिल, आ के मिल
ओ ज़िन्दगी तू मुझसे आ के मिल
No comments:
Post a Comment