Monday, April 29, 2013

इन्किशाफ़ दर्याफ़्त / Discovery


इन्किशाफ़ दर्याफ़्त सही मेरी
लेकिन बड़ी माकूल सी बात है
बुलंदियों के ख्वाब टूटे लेकिन
गर्दिश में सही पर सितारे तो हैं
तमन्ना तक अब न रही बाक़ी
बिसरे हुए सही वो हमारे तो हैं
हम लाख भुलाये गए हों सही
उन ख़यालात में ख़ूब बसते हैं
बड़े ही बेपरवाह होकर भी सही
वो अब भी तो हमें याद करते हैं
May be it's my discovery
But a very plausible thing
Dream of heights is broken
Turning yet they are stars
Desires may have diminished
Forgotten but sure is mine
I may be a matter of oblivion
Yet I live in those thoughts
May be very carelessly too
I am remembered at all times!

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