इत्मीनान और फ़ख्र भी है हमें इस नसीब पर
ये भी रहमत है ख़ुदा की जो इतना कुछ मिला
उसके पास पहुँच क्या फर्क पड़ता है किसी को
कि किसी को क्या मिला और क्या नहीं मिला
Contentment and pride both I feel about
This too is grace of God to find as much
After reaching him it makes no difference
Who did not get what and who got how much
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