कल क़सीदे पढ़ते थे तुम हमारी रहनुमाई के
आज चुरा रहे हो नज़रें तुम करके बेवफ़ाई सी
न हम बदले न हमारी फितरत बदलेगी कभी
तुम्हारे लिए ये भी है वक़्त वक़्त की बात सी
Then you didn't get tired of praising my benevolence
Today you try ignoring me with such unfaithfulness
It my be a matter of 'time to time' for likes of yourself
Neither have I nor shall my nature change nonetheless
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